“सरकार ने PM Ujjwala Yojana 3.0 लॉन्च किया है, जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर मिलेगा। जानें कैसे करें आवेदन, पात्रता और अधिकारिक स्रोतों की जानकारी।”
भारत की ग्रामीण और शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में आज भी लाखों महिलाएं लकड़ी, कोयला, या गोबर के उपले जलाकर खाना बनाती हैं। इस धुएँ ने न केवल उनके फेफड़ों को कमज़ोर किया है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया है। 2016 में शुरू हुई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) ने इस समस्या का समाधान निकाला। अब इसका तीसरा चरण, उज्ज्वला 3.0, और भी व्यापक लक्ष्य के साथ शुरू हुआ है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह योजना कैसे काम करती है, इसके फायदे, और कैसे कोई भी पात्र महिला मुफ्त गैस कनेक्शन पा सकती है।
PM Ujjwala Yojana 3.0 क्या है?
2016 में PMUY 1.0 के तहत 8 करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए गए। 2021 में उज्ज्वला 2.0 लॉन्च हुआ, जिसने 1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों को जोड़ा। अक्टूबर 2023 में, उज्ज्वला 3.0 की शुरुआत हुई, जिसका लक्ष्य 75 लाख नए लाभार्थियों तक पहुंचना है, खासकर प्रवासी श्रमिकों और वंचित समूहों को।
मुख्य उद्देश्य
1. महिलाओं को स्वच्छ ईंधन की पहुंच देना।
2. इंडोर वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना।
3. महिलाओं को ईंधन इकट्ठा करने के समय और श्रम से मुक्ति दिलाना।

PM Ujjwala Yojana 3.0 की खास बातें
• मुफ्त गैस कनेक्शन: लाभार्थी को सिलेंडर, स्टोव, और रेगुलेटर मुफ्त मिलते हैं।
• सब्सिडी: प्रति सिलेंडर ₹200 की सीधी सब्सिडी (DBT के माध्यम से)।
• लचीली पात्रता: अब प्रवासी श्रमिक और आर्थिक रूप से कमज़ोर शहरी परिवार भी आवेदन कर सकते हैं।
PM Ujjwala Yojana 3.0 के फायदे
1. स्वास्थ्य में सुधार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, धुएँ से होने वाली बीमारियों से भारत में हर साल 1.3 लाख महिलाओं की मौत होती है। एलपीजी के इस्तेमाल से सांस और आँखों की बीमारियों में 50% तक कमी आई है।
2. पर्यावरण संरक्षण
लकड़ी जलाने से कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है। उज्ज्वला योजना ने 2023 तक 40 लाख टन CO2 उत्सर्जन कम किया है।
3. महिला सशक्तिकरण
ईंधन इकट्ठा करने में महिलाएं रोज़ाना 2-3 घंटे बर्बाद करती थीं। अब यह समय वे पढ़ाई, काम, या आराम में लगा सकती हैं।
4. सुरक्षा
लकड़ी लाने के लिए जंगल जाने से महिलाओं को यौन हिंसा और जंगली जानवरों का खतरा था। गैस सिलेंडर ने इन खतरों को कम किया है।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया कौन आवेदन कर सकता है?
• आर्थिक मानदंड: BPL परिवार, SC/ST, वनवासी, या प्रवासी श्रमिक।
• दस्तावेज़:
• आधार कार्ड,
• बीपीएल राशन कार्ड,
• बैंक खाता,
• मोबाइल नंबर।
PM Ujjwala Yojana 3.0 के लिए आवेदन कैसे करें?
1. नज़दीकी एलपीजी डीलर या सेवा केंद्र पर जाएँ।
2. फॉर्म भरें और दस्तावेज़ जमा करें।
3. कनेक्शन 15 दिनों में स्थापित हो जाएगा।
सब्सिडी का लाभ
हर साल 12 सिलेंडर तक ₹200 की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में मिलती है।
भविष्य के लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य 2025 तक 10 करोड़ परिवारों तक पहुँचना है। इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आवेदन प्रक्रिया को और सरल बनाया जा रहा है।
यहां से अप्लाई करें
निष्कर्ष:
एक स्वस्थ और स्वावलंबी भारत की ओर उज्ज्वला योजना ने न केवल महिलाओं का जीवन आसान किया है, बल्कि यह देश के स्वास्थ्य, पर्यावरण, और अर्थव्यवस्था के लिए एक मिसाल बन गई है। अगर आप या आपका कोई परिचित पात्र है, तो आवेदन करने में देरी न करें!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. क्या उज्ज्वला 3.0 में सिलेंडर पूरी तरह मुफ्त है?
Ans.जी नहीं। सिलेंडर, स्टोव, और रेगुलेटर का खर्च सरकार वहन करती है, लेकिन लाभार्थी को ₹1600 की सिक्योरिटी डिपॉजिट देनी होती है, जो बाद में वापस मिलती है।
2. क्या एक परिवार में एक से ज़्यादा कनेक्शन मिल सकते हैं?
Ans.नहीं। एक परिवार केवल एक ही कनेक्शन के लिए पात्र है।
3. सब्सिडी कैसे मिलती है?
Ans.सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से जमा होती है।
4. प्रवासी श्रमिकों को कौन से दस्तावेज़ चाहिए?
Ans.बीपीएल प्रमाण पत्र के बिना भी, स्व-घोषणा पत्र और आधार कार्ड से आवेदन संभव है।
5. अगर सिलेंडर खराब हो जाए तो क्या करें?
Ans.नज़दीकी गैस एजेंसी को फोन करें। शिकायत दर्ज कराने पर 48 घंटों में समस्या का समाधान किया जाएगा।